जैसे-जैसे दुनिया आधुनिकता की जटिलताओं से संघर्ष कर रही है, एक चीज जो हैरान करने वाली रही है, वह है जीवनशैली में बदलाव। आज के परिवेश में एक्सपोजर युवा पीढ़ी की सेहत को प्रभावित कर रहा है इसलिए अच्छे मानसिक स्वास्थ्य, दिनचर्या और फिटनेस के लिए जीवनषैली मे बदलाव लाया जाना अत्यन्त आवष्यक है। स्वास्थ्य की दृष्टि से, कुछ लोगो को छोडकर अधिकांश के लिए पिछला दषक खराब जीवन शैली, बेजोड़ जलवायु परिवर्तन और अप्रत्याशित व्यावसायिकता के साथ गुजरा है।
हम अक्सर अपने खान-पान को तब तक नज़रअंदाज़ करते रहते हैं जब तक कि इससे होने वाले नुकसान से हमारी जिदंगी में कोई छोटी-मोटी बाधा नही आ जाये। इंटरनेट पर विटामिन, अच्छे भोजन आदि के बारे में अत्यधिक जानकारी किसी को भी हैरान कर सकती है। लेकिन यह जानकारी आपके लिए केवल तब तक काम की है जब तक आप सक्रिय रूप से अपनी जीवनषैली में परिवर्तन लाना चाहते हैं। शरीर के लिए एक बेहतरीन पोषण को डिजाइन करने के लिए इस जीवनशैली के पहलू को समझना आवश्यक है।
हम में से अधिकांश लोग वजन घटाने के लिए खान-पान में कमी करने लगते है जबकि खान-पान कम करने से शरीर में होने वाले अन्य आहार संबंधी नुकसान को हम समझ नही पाते है। हार्माेनल असंतुलन, हाइपरथायरायडिज्म, उच्च रक्तचाप, पाचन संबंधी समस्याए और नींद के समय श्वासरोध जैसे बार-बार उठने वाले मुद्दों के बारे में सोचने की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक है। जो लोग ’कैलोरी इन, कैलोरी आउट’ फार्मूला को अपनाते है वे केवल खाद्य पदार्थों के कैलोरी मूल्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं, न कि उनके पोषक तत्वों पर। ’कैलोरी इन, कैलोरी आउट’ की यह अवधारणा वजन घटाने के लिए स्थायी समाधान नही रहती है और भोजन की गुणवत्ता के महत्व में भी विफल होती है।
हम आपको बता रहे है आहार संबंधी कुछ परिवर्तन जो आपकी जीवन शैली को आसानी से बदल देंगे-
1. सेस्ड फूड के स्थान पर घर का बना भोजनः अपने घर और कार्यस्थल पर अपने आस-पास पौष्टिक खाने का सामान रखना चाहिए। साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि ब्राउन राइस और ब्रेड आदि बिना रिफाइन किये हुए कार्बाेहाइड्रेट के रूप होते हैं। ये हमें ऊर्जा, स्वस्थ फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट प्रदान करते हैं, और पाचन क्रिया में सहायता करते हैं।
2. उच्च प्रोटीन मात्रा वाला भोजनः शाकाहारी लोगो को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे उन फल सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करे जिससे उनकी आहार संबंधी जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा किया जा सके। वैसे तो चिकन और अंडा प्रोटीन के सबसे आम स्रोत है, लेकिन जो लोग शुद्ध शाकाहारी है उनके पास नट्स और फलियां जैसे अन्य कई विकल्प भी मौजूद है।
3. तले हुए भोजन को सीमित करेंः तले हुए भोजन में मौजूद वसा स्वास्थ्य के लिए सही नही रहती इसलिए तले हुए भोजन को कम से कम खाना चाहिए। इस प्रकार के भोजन में काम में लिए गये प्रोसेस्ड वनस्पति तेलों में ज्यादातर सोयाबीन और रेपसीड से प्राप्त पॉलीअनसेचुरेटेड वसा हैं। मछली, जैतून के तेल और बीजों से प्राप्त फेट अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है क्योंकि वे आपके शरीर को अधिक ऊर्जावान बनाते है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं।
4. अत्यधिक चीनी का सेवन बंद करनाः फलों और साबुत अनाज में मौजूद प्राकृतिक शर्करा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। लेकिन केक, ठंडे पेय और स्नैक्स में जो परिष्कृत चीनी होती है, वह आपके वजन को प्रभावित कर सकती है और इनका अधिक सेवन करने पर पाचन संबंधी बीमारियां भी हो सकती है।
5. कम मात्रा में खाएंः जल्दी पेट भरने और ज्यादा खाने से बचने के लिए छोटी प्लेट में खाना खाएं। इसके अलावा, हर 2 घंटे में छोटे-छोटे रूप में भोजन खाने से पाचन और ब्लड सुगर के सही स्तर में मदद मिलती है और आप लंबे समय तक उर्जावान रहते हैं।
6. पानी का सेवन बढ़ानाः विज्ञान के अनुसार, मानव शरीर 60 प्रतिषत पानी से बना है। आप जितने पानी का सेवन करते है आपका पेट उतना अधिक स्वस्थ रहता है। अपने शरीर को अधिक समय तक डिहाईडेªटेड रखने से जोड़ों में लचीलापन कम हो सकता है, और जोड़ों में दर्द हो सकता है।
हमे अच्छी जीवनषैली के लिए अपनी डाइट में कैलोरी के स्थान पर पोषक तत्वों पर ध्यान देना चाहिए। अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए लगातार शारीरिक गतिविधियां, पेट एवं सम्पूर्ण स्वास्थ्य को अच्छा बनाये रखना चाहिए। एक सम्पूर्ण पोषित जीवनषैली बनाने का मतलब शरीर के पोषण की योजना बनाना। यह ठीक ऐसा ही है जैसे किसी भी युद्ध के लिए योजना बनानी ही पडती है।
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